जो तुम्हारे खून में नहीं,
तुम वो खुद्दारी कहा से लावोगे,
ले आवोगे तुम, लाखो आतंक परस्त माना,
पर हमसा राष्ट्रप्रेमी कलाम कहा से लावोगे।।
तुम लिए कटोरा हाथ,
जगभर में हो भीख मांग रहे,
माना कि, चरित्रहीन जिन्ना, तुम ले आवोंगे,
पर हमसा दिलेर भगत सिंह कहा से लावोगे।।
जो हमने तुमको दी ही नहीं,
राणा की, तुम वो तलवार कहा से लावोंगे,
अपने विदेशी बापो से,
तुम शस्त्र भलेही ले आओ,
पर शेरों से लडने का, शौर्य कहा से लावोंगे।।
पर शेरों से लडने का, शौर्य कहा से लावोंगे।।