अक्षय आयु
मैं क्या मागूंगा तुझसे,ना धन धरा ना शीश महल,मांग रहा हूं, अपने हिस्से का देय श्रीकण्ठ(शिव),देदो अक्षय आयु, आरोग्य अजर।। मैंने नीजहित कब क्या मांगा,परोपकार परम हित जाना,मेरी भी सुन लो अरदास श्रीकण्ठ,देदो अक्षय आयु, आरोग्य अजर।। क्या होता है अभीमंत्रो के जापो से?मनुष्य कैसे बचता नियती के शर चापो से?इस जीवन मंथन के हलाहल…