मिजाज़-ऐ-जिंदगी
वो वक्त पर आए तो, मौसम का मिजाज़ बदल जाती है; पर बेवक्त की बारिश, अकसर फसले उजाड़ देती है।।1।। मेहनत की कमाई, कभी ना कभी जिंदगी सवार ही देती है, बेईमानी से मिली शोहरत, आने वाली नस्लें बिगाड़ ही देती हैं।।2।। वो अपने गम नहीं बताता, उसकी मुस्कान ही दिखाई देती है, बेटी की…