कोरोनावायरस महामारी के बाद एक और नई बीमारी का खतरा बढ़ा है। इस नई बीमारी का नाम डिजीज एक्स है, जिसका अर्थ अनजान बीमारी है। कोरोना से सात गुना खतरनाक है। 5 करोड़ की मौत हो सकती है। यह भी पढ़ें कि डिजीज एक्स क्या है, कैसे फैलता है, इससे बचने के उपाय क्या हैं, एक्सपर्ट की राय क्या है।
कोरोना वायरस खत्म होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली ही थी कि वैज्ञानिकों ने एक और महामारी की आशंका व्यक्त की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस महामारी को “डिजीज एक्स” कहा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह भी दुनिया भर में फैलना शुरू हो सकता है।
यूके के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, “जल्द ही एक नई महामारी देखने मिल सकती है जो कोविड-19 से भी अधिक घातक साबित होगी।” 1918-1920 में स्पैनिश फ्लू से विश्व भर में 5 करोड़ लोग मारे गए थे, और COVID-19 से भी ऐसी ही मौतें होंगी।यूके की वैक्सीन टास्कफोर्स की अध्यक्ष डेम केट बिंघम ने कहा, “डिसीज एक्स कोरोना वायरस से 7 गुना अधिक घातक हो सकती है और लगभग 5 करोड़ लोगों की जान ले सकती है।”
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना ने दुनिया भर में लगभग 70 लाख लोगों की जान ले ली है, जिससे चिंता बढ़ी है और अब COVID-19 को कोरोना से भी खतरनाक माना जा रहा है। आइए जानें डिसीज एक्स क्या है, कैसे फैलता है, कैसे बच सकते हैं और एक्सपर्ट की क्या राय है?
डिसीज एक्स का अर्थ क्या है?………….
(रोग X क्या है?) डिसीज एक्स एक टर्म है जो इंफेक्शन से फैलने वाली बीमारी बताता है। चिकित्सा भी नहीं जानती कि यह कैसे होता है, कैसे फैलता है, कहां से शुरू होता है और कैसे समाप्त होता है।डब्ल्यूएचओ ने कहा कि “डिसीज एक्स” एक नया वायरस, जीवाणु, बैक्टीरिया, फंगस या कवक हो सकता है जो बिना ज्ञात उपचार वाला है।’
डॉ. नेहा रस्तोगी ने कहा कि ‘डिसीज एक्स संभवतः एक ‘रोगजनक एक्स’ है जो दूसरी बीमारी को फैलाने का कारण बनता है। यह आरएनए वायरस की तरह जूनोटिक बीमारी से संबंधित हो सकता है, जिसका अर्थ है कि यह जंगली या घरेलू जानवरों में होगा और फिर इंसानों में फैलेगा।
जूनोटिक बीमारियां, जैसे इबोला, एचआईवी/एड्स और कोविड-19, भी जानवरों से इंसानों में फैलीं। इन पर बहुत अधिक निगरानी की जरूरत है।’
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि लैब दुर्घटनाएं और बायोटेररिज्म से “डिसीज एक्स” हो सकता है, जो वैश्विक विनाश का खतरा पैदा कर सकता है।
Experts क्या कहते हैं?
यूके के वैक्सीन टास्कफोर्स के CEO डेम केट बिंघम ने इंटरव्यू में कहा, ‘दुनिया को बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान के लिए तैयारी करनी होगी और रिकॉर्ड समय में खुराक देनी होगी। यह इबोला की तरह संक्रामक है, जो 67 प्रतिशत मृत्यु दर से अधिक है। म्यूटेट दुनिया भर में फैल रहा है और आने वाले समय में लोगों को बीमार करेगा।डेम केट बिंघम ने कहा, ‘मौजूदा वायरस से नई महामारी उत्पन्न हो सकती है और यह कोविड-19 से सात गुना अधिक घातक साबित हो सकती है.’ वैज्ञानिकों ने अभी २५ वायरस समूहों की निगरानी की है, प्रत्येक में हजारों इंडिविजुअल वायरस हैं, जिनमें से कोई भी गंभीर महामारी में बदल सकता है।
साथ ही, विल्टशायर में एक उच्च सुरक्षा वाली पोर्टन डाउन लैब में 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने ‘डिसीज एक्स’ के लिए वैक्सीनेशन की खोज शुरू कर दी है। वैज्ञानिकों का ध्यान जानवरों वाले वायरस पर है जो मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है और दुनिया भर में तेजी से फैल सकता है। बर्ड फ्लू, मंकीपॉक्स और हंतावायरस भी जांच में शामिल हैं।’